श्रम कल्याण निधि एवं उसका उपयोग

म.प्र. श्रम कल्याण निधि अधिनियम 1982 के उपबंधों के अधीन अधिनियम के प्रयोजनों के लिये धारा-11 की उपधारा -1 के अनुसार ’’निधि’’ मंडल में न्यासी के रूप में निहित होगी और मंडल द्वारा न्यासी के रूप में धारित और उपयोजित की जाएगी।

उसके धनों का उपयोग मंडल द्वारा ऐसे क्रियाकलापों को, जो श्रमिकों और उनके आश्रितों के कल्याण की अभिवृध्दि के लिए राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर विनिर्दिष्ट किये जाएं, कार्यान्वित करने हेतू उपयोग किया जाएगा।

उपधारा (1) की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना, मंडल द्वारा निधि का उपयोग निम्नलिखित प्रयोजनों पर किये जाने वाले व्ययों को चुकाने में किया जा सकेगाः-
  • (क) सामुदायिक तथा सामाजिक शिक्षा केंद्र जिनके अंतर्गत वाचनालय और पुस्तकालय भी हैं।
  • (ख) सामुदायिक आवश्यकताएं,
  • (ग) बालकों, स्त्रियों तथा प्रौढ़ों के लिये शैक्षणिक सुविधाएं,
  • (घ) खेल तथा खेलकूद,
  • (ड) भ्रमण, पर्यटन और अवकाश गृह (हालिडे होम्स),
  • (च) मनोरंजन और अन्य प्रकार के आमोद-प्रमोद,
  • (छ) स्त्रियों और बेरोजगार व्यक्तियों के लिये गृह उद्योग और सहायक उपजीविकाएं,
  • (ज) सामाजिक स्वरूप के सामुदायिक क्रियाकलाप,
  • (झ) अधिनियम के प्रशासन का खर्च, जिसके अंतर्गत मंडल के सदस्यों के भत्ते तथा इस अधिनियम के प्रयोजनों के लिये नियुक्त किये गये अधिकारियों तथा कर्मचारीवृन्द के वेतन व भत्ते आते हैं,
  • (ञ) ऐसे अन्य उद्देश्य जो मंडल की राय में श्रमिकों के जीवन स्तर में सुधार ला सकते हों और उनकी सामाजिक परिस्थितियों को बेहतर बना सकते हों।